Wednesday, August 29, 2012

ऋण

तीन  तरह के ऋण जो हमें इस धरती पर चुकाने हैं ..................

1. देव ऋण
2. पितर  ऋण
3. गुरु ऋण

देव ऋण के लिए होम यग्न आवश्यक है
पितर  ऋण के लिए व्यवर्हिक जीवन और संतान आवश्यक है
गुरु ऋण के लिए पोती पुराण पड़ना आवश्यक है

हर शब्द में परमेशवर समाया है


No comments: